भिन्सरवाके किरण सङ्ग अबिहे हे छठि मैया
सँझुका अहिसङ्ग आशिष छिरियाबिहे हे छठि मैया
भुसवा, ठकुवा, केराक थम स्वीकार करि
नन्हकिरबा आ’ बुचियाके कबुला सुनिह हे छठि मैया
राति जागरण आ भजन किर्तन जे करैत छी
साल भरि चैन सँ’ राखिह हे छठि मैया
किछु कसर नहि छोडब छठि पूजामे
जँ सेवक गजेन्द्रके बनबिहे हे छठि मैया
उगीहे जनजन सदिखन एहि घाटपर
छोडि मधेश नहि जइहे हे छठि मैया
हनुमाननगर–२ सप्तरी